नई दिल्ली-पश्चिमी दिल्ली के आधिन आने वाले विष्णु गार्डन वार्ड संख्या 95 में पिछले कुछ माह से अवैध निर्माणो की बाढ सी आई हुई है जबसे इस वार्ड में कनिष्ट अभियन्ता अखलेश कुमार आया है तबसे इस वार्ड में एकाएक अवैध निर्माणो का सिलसिला बढ गया है इसके साथ ये भी देखने में आया है कि इस वार्ड में बिल्डर व निगम अधिकारी मिलकर लोगो को लूट रहे है वही अगर आप किसी भी ईमारत की शिकायत करो मगर ये अभियन्ता कभी भी उस इमारत के खिलाफ कार्यवाई नही करता बल्कि शिकायत का फायदा उठाकर उससे मोटी रकम ऐट लेता है इसका कहना ही कोई कुछ नही बिगाड सकता इसके उच्च अधिकारी तक सम्बन्ध है इन दिनो इस वार्ड में पचासियो ईमारते निर्माण आधिन है बिल्डर व निगम का भ्रष्ट अधिकारी अखलेश कुमार मिलकर लोगो को लूट रहे है ।इस कनिष्ट अभियन्ता ने पैसा एकठा करने के लिए स्पैशल इलाके मे एक वैलदार रखा हुआ् जिसका नाम रणवीर है इसका काम सिर्फ यही है इलाके में धूमकर हो रहे अवैध निर्माणो को देखना व बिल्डरो से कनिष्ट पैसा ईकठा करके कनिष्ट अभियन्ता को देना ।
वही दूसरी तरफ ये भी देखने में आया है कि विष्णु गार्डन वार्ड एक ऐसा वार्ड जिसमें कोई नक्शा पास नही किया या कराया जाता ज्यादातर सभी ईमारते बिना नक्शे के ही तैयार होती है इसी का फायदा उठाते हुए ये कनिष्ट अभियन्ता अखलेश कुमार एक-2 ईमारत से लाखो रूपये लेता है ये पैसा प्रति लेन्टर के हिसाब से लिया जाता है ये पैसे का लेनदेन यही बेलदार रणबीर द्वारा किया जाता है कुल मिलाकर कहा जाए तो ये वेलदार रणबीर बिल्डर व अभियन्ता के बीच सेतू का काम करता है जिससे बिष्णु गार्डन वार्ड में बिल्डरो व निगम की सांठगांठ से बिष्णु गार्डन में अवैध निर्माणो धन्धा काफि फलफूल रहा है । प्राप्त जानकारी के अनुसार बिष्णु गार्डन वार्ड के आधिन आने वाले आर जी ए ब्लाक ब्लाक मकान संख्या 188 रधुवीर नगर में अवैध निर्माण किया जा रहा है जो काफि कमजोर ईमारत है इस ईमारत पर बिना कोई पिलर बनाए ऊपरी तल बनाए जा रहे है जिसके बारे में कई बार कऩिष्ट अभियन्ता अखलेश कुमार को शिकायत कि गई मगर कई बार शिकायत करने के बाद भी भ्रष्टाचार में डूबे इस अधिकारी ने आजतक इस ईमारत के खिलाफ कार्यवाई तो क्या कोई नोटीस तक नही दिया यही नही आर जी ए ब्लाक ब्लाक मकान संख्या 188 रधुवीर नगर में हो रहे अवैध निर्माण की कई बार निगम के स्पैशल टास्क फोर्स में भी शिकायत की गई मगर उसके बाद भी कोई कार्यवाई न करने से निगम की कार्य प्रणाली पर ही सवालिया निशान लगने लगे है कि क्यो एस टी एफ की शिकायत पर भी कार्यवाई क्यो नही हो रही ।